नरोत्तम दास ठाकुर
@Vaishnavasongs
नरोत्तम दास ठाकुर
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आरे भाई ! भज मोर गौरांग चरण
धन मोर नित्यानंद
एइबार करुणा कर
गोरा पहुँ ना भजिया मैनु
गौरांग बोलिते ह'बे
गौराङ्ग करुणा करो, दीन हीन जने
गौरांगेर दूटी पद, जार धन सम्पद
हरि हरये नमः कृष्ण यादवाय नमः
हरि हरि! विफले जनम गोनैनु
जय जय श्रीकृष्ण चैतन्य नित्यानन्द
जे आनिल प्रेम-धन
निताइ-पद-कमल
राधा-कृष्ण प्राण मोर जुगल-किशोर
श्रीकृष्ण चैतन्य प्रभु दया कर मोरे
शुनियाछि साधुमुखे बोले सर्वजन
ठाकुर वैष्णवगण ! करि एइ निवेदन
ठाकुर वैष्णव पद, अवनीर सम्पद
वृंदावन रम्य-स्थान