गौराङ्ग तुमि मोरे दया ना छाडिहो

गौराङ्ग तुमि मोरे दया ना छाडिहो

@Vaishnavasongs

AUDIO

गौराङ्ग तुमि मोरे दया ना छाडिहो

गौराङ्ग तुमि मोरे दया ना छाडिहो

आपन करिया रांगा चरणे राखिहो।।१।।

तोमार चरण लागि सब तेयागिलु।

शीतल चरण पाया शरण लोइलु।।२।।

एइ कुले ओ कुले मुजी दिलु तिलाञ्जलि

राखिहो चरणे मोरे आपनार बोली।।३।।

वासुदेव घोषे बोले चरणे धरिया

कृपा करी राखो मोरे पद-छाया दिया ।।४।।

१. हे श्रीगौरांग महाप्रभु! कृपया मुझपर अपनी दया प्रकट करना न छोड़ना! मुझे अपनी सम्पत्ति बनाकर कृपया मुझे अपने लालिमायुक्त चरणकमलों के पास ही रखिये।

२. आपके चरणकमलों को प्राप्त करने की आशा में मैंने अपना सर्वस्व त्याग दिया। अब मैंने पूर्ण रूप से शीतलता प्रदान करने वाले आपके चरणकमलों का आश्रय ले लिया

३. चाहे मैं इस कुल से सम्बन्धित हूँ या उस कुल से, मैंने सभी का परित्याग कर दिया है। मैं आपसे याचना करता हूँ कि कृपया मुझे अपना कहते हुए अपने चरणकमलों के पास ही रखिये।।

४. वासुदेव घोष कहते हैं, “चूँकि मैंने जोर से आपके चरणकमलों को धारण किया हुआ है, कृपया मुझे सदैव अपने चरणों की शीतल छाया में ही रखिये।

Report Page