जानिये उस आईएएस अफसर की सफलता की कहानी, जिसे अंग्रेजी से लगता था डर

जानिये उस आईएएस अफसर की सफलता की कहानी, जिसे अंग्रेजी से लगता था डर

𝐈𝐀𝐒 𝐓𝐨𝐩𝐩𝐞𝐫𝐬


IAS Success Story: हिंदी मीडियम से पढ़ाई करने वाले लोगों के भीतर अंग्रेजी भाषा को लेकर अक्‍सर ही थोड़ी घबराहट बनी रहती है. ऐसे में जब UPSC जैसी प्रतिेयागी परीक्षा की तैयारी करनी हो तो और मुश्‍किल और बढ़ जाती है. ऐसा ही कुछ हुआ था जम्‍मू- कश्‍मीर से ताल्‍लुक रखने वाले अभिषेक शर्मा के साथ. अभिषेक सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी करने के लिए जब दिल्‍ली आए थे तो उन्‍होंने भी कुछ ऐसा ही महसूस किया लेकिन वे डरे नहीं, बल्‍कि डटे रहे. इसके बाद आज नतीजा सबके सामने हैं. साल 2007 में उन्‍होंने 69वीं रैंक हासिल की है. आइए जानते हैं कैसे किया उन्‍होंने ये सब कुछ.

ऐसी जगह से बना IAS

अभिषेक ने एक इंटरव्‍यू में बताया कि, मैं उस जगह से आता था, जहां से कोई IAS नहीं बना था. इसी वजह से मैंने सिविल सर्विस एग्जाम क्वालिफाई करने का सपना देखा था.

दिल्‍ली में शुरू की तैयारी

अभिषेक कहते हैं, दिल्ली आकर पहली बार मेरा सिविल सर्विस की रियलिटी से सामना हुआ था. अभिषेक के मुताबिक दिल्ली में मैंने एक कोचिंग इंस्टीट्यूट ज्वाइन किया था. यहां मैं तैयारी करने लगा था.

इंटरव्‍यू में अंग्रेजी से था खौफ

अभिषेक बताते हैं, मैं दो बार मेन्‍स क्‍लीयर कर चुका था लेकिन इंटरव्‍यू में फेल हो जाता था. अभिषेक के मुताबिक सेकंड अटेंप्ट के इंटरव्यू में मेरे मन में अंग्रेजी भाषा को लेकर खौफ था. ऐसे में मैंने इंटरव्यू के लिए हिंदी माध्यम को चुना. मुझे पता था कि मैं अंग्रेजी में जवाब नहीं दे सकता था.

इंटरव्‍यू में हुआ फेल

अभिषेक के अनुसार,मेरा इंटरव्यू काफी अच्छा रहा लेकिन मेरे मार्क्स अच्छे नहीं आए थे. इंटरव्यू में कम मार्क्स के कारण ही मेरा फाइनल सेलेक्शन नहीं हो पाया था. इसके बाद मैंने तीसरा अटेंप्ट में किया. हालांकि, इस बार मैंने फ्री माइंडसेट के साथ एग्जाम दिए.

अभिषेक ने कहा कि तीसरे अटेंप्ट के बारे में मैंने किसी को कुछ भी नहीं बताया है. इसके बाद मेन्स भी मेरा भी क्वालीफाई हो गया था. मैंने इसके बाद अंग्रेजी का अखबार पढ़ने लग गया था. इससे मेरी अंग्रेजी काफी अच्छी हो गई थी.

2007 में मिली सफलता

आखिरकार साल 2007 में मुझे सफलता मिल गई. अभिषेक बताते हैं कि तीसरे प्रयास में मैंने बहुत ही नॉर्मल तरीके से इंटरव्यू दिया मुझसे काफी मुश्किल भरे सवाल पूछे गए थे. मैंने अपने अच्छे एक्सपीरियंस का अच्छे से इस्तेमाल किया.


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