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तकनीकी की इस दुनिया में स्मार्टफोन्स हमारे सच्चे दोस्त एवं एप्लीकेशंस मनोरंजन, आसानी एवं आराम का स्त्रोत हैं।

स्मार्टफोन्स एवं सोशल मीडिया को पूरी दुनिया पर अपना वर्चस्व कायम किये हुए ज़्यादा वक्त नहीं हुआ है। यहां सबसे चौंकाने वाली बात तकनीकी, खासकर स्मार्टफोन्स की भारत में मौजूदगी है।

जनसंख्या के मामले में दूसरे स्थान पर मौजूद भारत में करोड़ों स्मार्टफोन उपभोक्ता विद्यमान हैं। स्मार्टफोन कंपनियों की संख्या - इम्पोर्टेड एवं एक्सपोर्टेड दोनों - काफी तेज़ी से बढ़ी है।

भारत निस्संदेह मोबाइल फ़ोन्स का प्रसिद्ध गढ़ बन चुका है।

भारत अब केवल स्मार्टफोन्स का बाज़ार ही नहीं बल्कि मोबाइल फ़ोन निर्माता भी है। इंडियन सेलुलर एसोसिएशन, टेलीकॉम मंत्री मनोज सिन्हा एवं आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद द्वारा साझा की गयी जानकारी के अनुसार भारत चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फ़ोन निर्माता है।

मंत्रालय ने ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि भारत सरकार, आईसीए एवं एफटीटीएफ के अथक प्रयासों के कारण भारत परिमाण के आधार पर विश्व के दुसरे सबसे बड़े मोबाइल फ़ोन निर्माता के रूप में सामने आया है।

मंत्रालय ने बाज़ार शोध फर्म आईएचएस, चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ़ स्टैटिस्टिक्स एवं वियतनाम जनरल स्टेटिस्टिक्स कार्यालय से उपलब्ध आंकड़ों का सन्दर्भ लिया।

आईसीए द्वारा साझा किये गए आंकड़ों के अनुसार भारत में मोबाइल फ़ोन्स का उत्पादन 2014 की 3 मिलियन इकाइयों से बढ़कर 2017 में 11 मिलियन इकाई हो गया।

मोबाइल फ़ोन के उत्पादन में हुई बढ़ोत्तरी से 2017-18 में आयातित फ़ोन्स की संख्या में काफी कमी आयी है।

फ़ास्ट ट्रैक टास्क फाॅर्स (एफटीटीएफ), जो इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी के अंतर्गत गठित इकाई है, ने 2019 तक भारत में 500 मिलियन मोबाइल फ़ोन्स के उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसकी अनुमानित लागत करीब 46 बिलियन डॉलर आंकी जा रही है।

सरकार का मानना है कि जब तक हम निर्यात पर अच्छे से ध्यान केंद्रित कर सकेंगे, हम इन आंकड़ों को छूने में अवश्य कामयाब होंगे।

प्रिय ग्राहक, भारत वियतनाम को पछाड़कर 2017 में मोबाइल फ़ोन्स का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता बन गया है।

इस खबर के आने से हमें लगता है कि भारत हमारे प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के सपने, डिजिटल इंडिया,के एक कदम नज़दीक चला गया है।

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