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आधार को मोबाइल नंबर के साथ लिंक करने से जुडी रोजाना की खबरों से चिंता एवं भय का माहौल बना हुआ है।

हाल ही में इस भ्रम के माहौल को डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलीकम्युनिकेशन्स ने दूर कर दिया है। यह आश्वासन दिया गया है कि यदि किसी ग्राहक के मोबाइल नंबर की आधार के साथ लिंकिंग नहीं भी होती है तो भी उनका नंबर नहीं कटेगा, क्योंकि यह केस अभी भी सर्वोच्च न्यायलय के पास विचाराधीन है। 

परन्तु सरकार के अनुसार आपको अपने आधार को अपने मोबाइल नंबर के साथ लिंक कर लेना चाहिए।

अधिकतर ग्राहकों ने आधार कार्ड को मोबाइल नंबर के साथ जोड़ने के लिए टेलिकॉम प्रदाता के स्टोर पर जाने की समस्या के बारे में कहा है।

पर इस समस्या का हल निकालते हुए पिछले महीने डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलिकॉम ने तीन प्रणालियों के माध्यम से  टेलिकॉम कंपनियों को मोबाइल नंबर का दोबारा सत्यापन करने की अनुमति दी है— , एसएमएस के माध्यम से ओटीपी, इंटरैक्टिव वौइस् रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) एवं टेल्कोस के मोबाइल एप के माध्यम से – जिससे कि पुनर्सत्यापन की प्रक्रिया आसान हो सके।

अंततः सरकार ने घोषणा की है कि 1 दिसम्बर से कोई भी व्यक्ति ओटीपी तथा आईवीआरएस के माध्यम से अपने मोबाइल नंबर को आधार के साथ लिंक कर सकता है, बशर्ते उनका मोबाइल नंबर पहले से ही डेटाबेस में मौजूद हो।

हर ऑपरेटर एक आईवीआरएस नंबर प्रचारित करेगा एवं उस नंबर पर लोगों को उनके आधार एवं मोबाइल नंबर की जानकारी देनी पड़ेगी। इसके बाद उन्हें ओटीपी प्राप्त होगा एवं पुनर्सत्यापन के लिए उन्हें यह दाखिल करना पड़ेगा।

डिपार्टमेंट ने आइरिस आधारित बायोमीट्रिक उपकरणों के माध्यम से पुनर्सत्यापन की प्रक्रिया की भी अनुमति दे दी है। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति विकलाग या रिटेल स्टोर तक जाने में असमर्थ है तो उसके घर जाकर ओटीपी या फिंगरप्रिंट के माध्यम से भी पुनर्सत्यापन की प्रक्रिया संभव है।

प्रिय ग्राहक, अब आपको अपने सिम का पुनर्सत्यापन करवाने के लिए टेलिकॉम प्रदाताओं के स्टोर तक नहीं जाना पड़ेगा।

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