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कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे !!!

                   प्रेम परमयोग हैं द्वार है प्रभु का ....(प्रसंग – प्रेमी प्रेमिका )

सर यहाँ एक प्रमुख बात ये कि प्रेमिका प्रेम कर रही हैं या अपने लिए अच्छे से अच्छा पति खोज रही हैं यह प्रेम एक ब्यक्ति के साथ दुसरे-तीसरे-चौथे... तक चलता रहेगा? या प्रेम में स्थायित्व जरुरी हैं? 

- या घर का दबाव समूह काम कर रहा जिससे वो मजबूरन ऐसे फैसले ले रही हैं ? 

प्रेमी को मुलाकात करके प्रेमिका की राय जानना बहुत जरुरी हैं क्यूंकि सच्चा प्रेम मरता थोड़ी हैं वर्षो का ये याराना एक झटके में टूटेगा तो प्रेमी का मानशिक स्वास्थ ख़राब हो सकता हैं दिमागी शांति के लिए मुझे नही लगता मुलाकात से अच्छा कोई और जरिया होगा . प्रेमी को मुलाकात करनी चाहिए मुलाकात में यदि ये बात निकल कर आती हैं की उसे उससे अच्छा प्रेमी मिल गया हैं जो उसकी सोच , विचार , नियत से अच्छा हैं तो .... प्रेमी को प्रेमिका की ख़ुशी के लिए खुद को अलग कर लेना चाहिए बेसक प्रेमी प्रेमिका की खुसी के लिए ही प्रेम किया था अब प्रेमिका उसके बिना ही खुश रहेगी तो अब उसे इसी हालत पर छोड़ देना चाहिए क्यूंकि शादी प्रेम का अंतिम चरण थोड़ी हैं  

और खुद के मानशिक मजबूती के लिए नीचे लिखे लाइनों की सोच के साथ अलग करना सही होगा ...

कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे 

तड़पता हुआ जब कोई छोड़ दे ... तब तुम मेरे पास आना प्रिये ! मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा तुम्हारे लिए !!!

          

Her happiness is more important than anything else…

                                               हिमांशु शुक्ल

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