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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व चेयरमैन ए एस किरण कुमार को फ्रांस ने अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'शेवेलियर डी एल ऑर्डर नेशनल डी ला लीजेंड ऑनर'  सम्मान से सम्मानित किया है. यह सम्मान फ्रांस के राष्ट्रपति की ओर से भारत में फ्रांस के राजदूत एलेग्जेंडर जीगलर ने 02 मई 2019 को दिया.

सम्मान कार्यक्रम में फ्रांस की स्पेस एजेंसी सीएनईएस के अध्यक्ष जीन येव्स ले गाल भी मौजूद थे. फ्रांस के राष्ट्रपति की ओर से जारी बयान के मुताबिक फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत-फ्रांस अंतरिक्ष सहयोग के विकास में एएस किरण कुमार के अमूल्य योगदान को मान्यता देता है.

गौरतलब है कि 'शेवेलियर डी एल ऑर्डर नेशनल डी ला लीजेंड ऑनर'  1802 में नेपोलियन बोनापार्ट ने शुरू किया था. यह फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. यह उन लोगों को दिया जाता है जो देश के लिए विशिष्ट कार्य करते हैं. इस सम्मान को अन्य देशों के नागरिकों को भी दिया जाता है.

इस पुरस्कार से अभिनेता शाहरुख़ खान और अमिताभ बच्चन को साल 2007 और साल 2014 में सम्मानित किया गया था. इस पुरस्कार से अमर्त्य सेना, रवि शंकर, जुबिन मेहता, लता मंगेशकर, जेआरडी टाटा तथा रतन टाटा जैसे भारतीय नागरिकों को ‘लीजेंड ऑनर’ से सम्मानित किया जा चुका है.

किरण कुमार को यह सम्मान क्यों दिया गया?

यह पुरस्कार किरण कुमार को दोनों देशों के अंतरिक्ष सहयोग में विशिष्ट योगदान के लिए दिया गया है.

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ए एस किरण कुमार के बारे में:

   ए एस किरण कुमार भारत के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक हैं. वे साल 2015 से साल 2018 तक इसरो के चेयरमैन रहे थे. इससे पू्र्व वे अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, अहमदाबाद के निदेशक थे.

   उन्होंने इससे पहले देश की अंतरिक्ष अनुसंधान को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. वह दोनों देशों के रणनीतिक सहयोग को आगे बढ़ाने वाले प्रमुख लोगों में थे.

   किरण कुमार ने साल 1975 में इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र से अपने करियर की शुरूआत की थी. बाद में वह इस केंद्र के एसोसिएट डायरेक्टर और मार्च 2012 में अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक बने.

   उन्होंने एयरबोर्न के लिए इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इमेजिंग सेंसर के निर्माण और विकास, भास्कर टीवी पेलोड से लेकर वर्तमान मार्स कलर कैमरा, थर्मल इंफ्रेडिड इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर और भारत के मार्स आर्बिटर अंतरिक्ष यान के मार्स उपकरणों के लिए मीथेन सेंसर के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया.

   उन्होंने मंगल ग्रह की ओर भेजे गए मार्स आर्बिटर अंतरिक्ष यान के साथ साथ इसे मंगल की कक्षा में स्थापित करने के मामले में सफलतापूर्वक रणनीतियां बनाई. उन्होंने भूमि, महासागर, वातावरण और ग्रह से जुड़े अध्ययनों में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

   उन्होंने अंतरराष्‍ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन, पृथ्वी निगरानी उपग्रह समिति और नागरिक अंतरिक्ष सहयोग पर भारत-अमरीका संयुक्त कार्यकारी समूह जैसे अंतरराष्‍ट्रीय मंचों में इसरो का प्रतिनिधित्व किया.

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