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https://t.me/Current_affairs_in_Hindiविश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत साल 2017 में 136वें स्थान पर और साल 2018 में 138वें स्थान पर था और अब दो अंक कम होकर 140 पर पहुंच गया है.
अंतरराष्ट्रीय संस्था, रिपोर्टर्स विदऑउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) द्वारा 18 अप्रैल 2019 को विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक-2019 रिपोर्ट जारी की गयी. इस रिपोर्ट में भारत की रैकिंग पिछले वर्ष की तुलना में दो स्थान गिरकर 140वें स्थान पर पहुंच गई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में प्रेस स्वतंत्रता की वर्तमान स्थिति में से एक पत्रकारों के खिलाफ हिंसा है. इसमें पुलिस की हिंसा, माओवादियों के हमले, अपराधी समूहों या राजनीतिज्ञों का प्रतिशोध शामिल है.
भारत के संदर्भ में रिपोर्ट:
• विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत साल 2017 में 136वें स्थान पर और साल 2018 में 138वें स्थान पर था और अब दो अंक कम होकर 140 पर पहुंच गया है. इस सर्वेक्षण में कुल 180 देशों को शामिल किया गया है.
• सर्वेक्षण के अनुसार मौजूदा केंद्र सरकार के समर्थकों द्वारा सोशल नेटवर्क पर पत्रकारों पर निशाना साधा जाता है और नफरत वाले बयानों को बढ़ावा दिया जाता है.
• कट्टरवादी राष्ट्रवादियों के ऑनलाइन अभियानों का पत्रकार तेजी से निशाना बन रहे हैं. साथ ही कट्टर राष्ट्रवादी शारीरिक हिंसा की धमकी देते हैं.
• इस रिपोर्ट में आम चुनावों के वक्त को भारत में पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक समय बताया गया है.
• इस अध्ययन के अनुसार, 2018 में अपने काम की वजह से भारत में कम से कम छह पत्रकारों की जान गई है.
• रिपोर्ट में भारत में हिंदुत्व वाले विषयों पर बोलने या लिखने वाले पत्रकारों के खिलाफ सोशल मीडिया पर घृणित अभियानों पर भी चिंता जताई गई है.
• इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन क्षेत्रों को प्रशासन संवेदनशील मानता है वहां रिपोर्टिंग करना बहुत मुश्किल है जैसे कश्मीर. कश्मीर में विदेशी पत्रकारों को जाने की इजाजत नहीं है और वहां अक्सर इंटरनेट काट दिया जाता है.
वैश्विक संदर्भ में रिपोर्ट:
• दक्षिण एशिया में प्रेस की आजादी के मामले में पाकिस्तान तीन पायदान लुढ़कर 142वें स्थान पर है.
• बांग्लादेश चार पायदान लुढ़कर 150वें स्थान पर है.
• नॉर्वे लगातार तीसरे साल पहले पायदान पर है, जबकि फिनलैंड दूसरे स्थान पर है.
• सबसे निचली रैंकिंग तुर्कमेनिस्तान की है जो 180वें स्थान पर है वहीं उत्तर कोरिया 179वें स्थान पर है.
• रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोप में पहले की तुलना में पत्रकारों पर हमले बढ़े हैं जो प्रेस की स्वतंत्रता के लिए चिंता का विषय है.
• यूरोप में पत्रकारों के खिलाफ राजनेताओं के मौखिक हमलों में बढ़ोतरी को भी स्वीकारा गया है.
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (Reporters Without Borders) के बारे में:
• यह एक अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संस्था है जो प्रेस की स्वतंत्रता के लिए कार्य करती है.
• यह संस्था मीडिया पर विश्व भर में होने वाले हमलों पर नज़र रखती है.
• विभिन्न देशों में सरकारों के साथ मिलकर उन देशों में प्रेस की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए कार्य करती है.
• इसकी स्थापना साल 1985 में रोबर्ट मेनार्ड द्वारा की गई थी. इसका मुख्यालय पेरिस में है. जबकि इसके अन्य कार्यालय बर्लिन, ब्रसेल्स, जिनेवा, मेड्रिड, रोम, स्टॉकहोम आदि स्थानों पर भी हैं.
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