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https://t.me/Current_affairs_in_Hindiइस युद्ध अभ्यास में भारतीय दल का प्रतिनिधित्व कर्नल एस.पी. सिंह कर रहे हैं. जबकि सिंगापुर के दल का प्रतिनिधित्व लेफ्टिनेंट कर्नल टोंग चोंग कियात कर रहे हैं. यह 12वां अभ्यास है जो भारत-सिंगापुर के बीच किया जा रहा है.
भारत और सिंगापुर की सेनाओं के बीच द्विपक्षीय अभ्यास ‘बोल्ड कुरुक्षेत्र अभ्यास-2019’ की बबीना में शुरूआत हुई. समारोह में दोनों सेनाओं की टुकड़ियों ने एक साथ भाग लिया. यह संयुक्त अभ्यास 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक झांसी के बबीना में आयोजित की जा रही है.
इस युद्ध अभ्यास में भारतीय दल का प्रतिनिधित्व कर्नल एस.पी. सिंह कर रहे हैं. जबकि सिंगापुर के दल का प्रतिनिधित्व लेफ्टिनेंट कर्नल टोंग चोंग कियात कर रहे हैं. यह 12वां अभ्यास है जो भारत-सिंगापुर के बीच किया जा रहा है.
उद्देश्य:
इस युद्ध अभ्यास का आयोजन दोनों देशों के बीच सैन्य टेक्नोलॉजी, समुद्री सुरक्षा को मज़बूत करने के उद्देश्य से किया जा रहा है. इस युद्ध अभ्यास के द्वारा दोनों देश आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई को भी मजबूती देंगे.
मुख्य बिंदु:
• इस अवसर पर सैन्य परंपराओं के अनुरूप आयोजित परेड की कमान दोनों देशों की सेनाओं के सैन्य अधिकारियों ने किया.
• भारतीय सैन्य और सिंगापुर सशस्त्र बलों के बीच मौजूदा रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए 29 नवंबर 2017 को संशोधित रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर हुआ था.
• इसी समझौते के तहत सिंगापुर की सेना भारतीय सेना के साथ मिलकर प्रशिक्षण और फायरिंग अभ्यास करेगी.
• भारत और सिंगापुर ने साल 2003 में सैन्य सहयोग बढ़ाने, संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण आयोजित करने, सैन्य प्रौद्योगिकी विकसित करने व समुद्री सुरक्षा हासिल करने पर एक द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं.
• दोनों देशों ने संयुक्त रूप से आतंकवाद से लड़ने में अपने सहयोग का विस्तार किया है.
भारत-सिंगापुर संबंध:
भारत-सिंगापुर का लम्बे समय से सांस्कृतिक, वाणिज्यिक और रणनीतिक संबंध है. भारत गणराज्य और सिंगापुर गणराज्य के बीच द्विपक्षीय संबंध परंपरागत रूप से मजबूत और मैत्रीपूर्ण रहे हैं. भारत और सिंगापुर ने व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) और सामरिक संबंध समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, और समुद्री सुरक्षा, प्रशिक्षण बलों, संयुक्त नौसेना अभ्यास, सैन्य प्रौद्योगिकी विकसित करने और आतंकवाद से लड़ने पर द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार किया है.
सिंगापुर भारत में निवेश का 8वां सबसे बड़ा स्रोत है और आसियान सदस्य राष्ट्रों में सबसे बड़ा है. भारत और सिंगापुर के बीच राजनयिक संबंध 24 अगस्त 1965 को स्थापित हुए. भारत और सिंगापुर लंबे समय से सांस्कृतिक, वाणिज्यिक और सामरिक संबंध साझा करते हैं. सिंगापुर ने साल 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध और कश्मीर संघर्ष के खिलाफ भारत का समर्थन किया था.
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