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करतारपुर कॉरिडोर वार्ता: भारत-पाक के मध्य पहली बैठक आयोजित

करतारपुर कॉरिडोर को लेकर 15 मार्च 2019 को भारत-पाक के गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की एक अहम बैठक हुई. इस बैठक में विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गई तथा अनेक पहलुओं पर बातचीत की गई.

हालांकि, पहली बैठक में कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका लेकिन दोनों देशों के अधिकारियों के बीच रचनात्मक वार्ता हुई तथा दोनों देशों ने करतारपुर कॉरिडोर शीघ्र आरंभ करने की दिशा में काम करने पर सहमति जताई. अगली बैठक 2 अप्रैल 2019 को आयोजित होगी.

करतारपुर कॉरिडोर वार्ता: पहली बैठक

•   भारत ने करतारपुर कॉरिडोर से प्रतिदिन 5000 श्रद्धालुओं द्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन करने की मांग रखी. साथ ही भारत की ओर से कहा गया कि विशेष दिन जैसे बैसाखी, गुरुपूर्णिमा के समय 15,000 श्रद्धालुओं के दर्शन करने का प्रबंध किया जाना चाहिए. इस पर पाकिस्तान के पक्ष की ओर से इंकार करते हुए कहा गया कि प्रतिदिन केवल 500 श्रद्धालु की दर्शन कर सकेंगे.


•   भारत ने मांग की था कि सभी भारतीय नागरिक और ओसीआई कार्ड धारक करतारपुर साहिब के दर्शन करने जाएं पर पाकिस्तान ने कहा कि केवल सिख ही वहां पर दर्शन करने जाएंगे.


•   भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान से कहा है कि एक परिवार या फिर एक ग्रुप चाहे जितनी संख्या का हो उसको करतारपुर के दर्शन करने के लिए पाकिस्तान इजाजत दी जाये. पाकिस्तान ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि केवल 15 श्रद्धालुओं का ग्रुप ही एक बार में दर्शन करने जा सकता है.


•   भारत ने कहा कि श्रद्धालु गाड़ी या पैदल जाना चाहता है तो उसे अनुमति दी जानी चाहिए लेकिन पाकिस्तान ने कहा कि बॉर्डर के पार कोई पैदल दर्शन करने नहीं जा सकता है श्रद्धालु केवल गाड़ी से ही जायेंगे.

करतारपुर साहिब और समझौता सूची

भारत-पाक के बीच 1974 में एक समझौता हुआ था, जिसमें भारत में सात और पाकिस्तान में 13 धार्मिक स्थलों को शामिल किया गया. इसके तहत दोनों देश श्रद्धालुओं के सुचारु आवाजाही और दर्शन के लिए सुविधाएं देंगे. इसे अफसरशाही अड़चनों से दूर रखा गया है. शुरुआत में पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब को इस सूची में शामिल नहीं किया लेकिन भारत करतारपुर साहिब को इस सूची में शामिल कराना चाहता है.

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