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जनवरी में, ट्राई ने टेलिकॉम विक्रेताओं को आधार केवाईसी सेवा का प्रयोग करके मौजूदा सिम कार्डों का प्रमाणन करवाना प्रस्तावित किया था। इससे यह सुनिश्चित होता है कि गलत उद्देश्यों, जैसे राष्ट्रविरोधी गतिविधियों, के लिए सिम कार्ड खरीदने हेतु फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग बंद हो जाता है। नए सिम कार्डों को इस नयी योजना में तुरंत शामिल कर लिया गया, परन्तु पुराने अप्रमाणित सिम कार्ड भी काफी बड़ी तादाद में बाज़ार में उपलब्ध थे । भारत सरकार ने पहले से ही टैक्स रिटर्न भरने के लिए आधार अनिवार्य कर दिया है, एवं अब निजी क्षेत्र को भी इस पथ पर लाने का भरसक प्रयास कर रही है।


हाल ही में, एयरटेल एवं आईडिया ने घोषणा की कि वे मौजूदा उपभोक्ताओं के लिए आधार प्रमाणन प्रक्रिया की शुरुआत कर रहे हैं । अब सरकार की ओर से दबाव ज़्यादा है क्योंकि अब बैंकिंग से जुड़ी गतिविधियों के लिए काफी अधिक मात्रा में सिम का प्रयोग किया जा रहा है। डीओटी के निर्देशों के अनुसार, सारे प्रीपेड एवं पोस्टपेड उपभोक्ताओं का आधार 6 फ़रवरी, 2018 तक प्रमाणित हो जाना अनिवार्य है। यह प्रमाणन प्रक्रिया उपभोक्ताओं के लिए निःशुल्क है, परन्तु इससे ऑपरेटरों की लागत 1000 करोड़ से भी अधिक आएगी।


ऐसा कैसे किया जा सकता है : यह प्रक्रिया नीचे समझाई गयी है

ए) सारे ऑपरेटर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बारे में एसएमएस के माध्यम से अपने उपभोक्ताओं को सूचित करेंगे

बी) उपभोक्ता के पास प्रमाणन कोड के साथ एसएमएस भेजा जाएगा

सी) उपभोक्ता वेबसाइट या उपभोक्ता सहायता केंद्र पर जाकर बायोमेट्रिक आईडी प्रस्तुत करेगा

डी) उपभोक्ता के पास 24 घंटों के अन्दर पुनर्प्रमाणनका एसएमएस आ जाएगा

अधिक जानकारी इस वेबसाइट पर उपलब्ध है


अपने सिम को बंद होने से बचाने के लिए, इसे तुरंत पूर्ण करना सुनिश्चित करें!

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