abcd

abcd


रिलायंस जियो ने भारती एयरटेल, वोडाफ़ोन एवं आईडिया सेलुलर द्वारा टेलिकॉम उद्योग में मूल्य पहले से निर्धारित किये जाने का आरोप लगाया है। जियो के अनुसार, इसी वजह से ये कंपनियां अपने नेटवर्क में निवेश करने के प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं।

जैसा कि हमारे पाठकों को हमारे पिछले लेख से याद होगा, हमारे वित्त मंत्री ने एक इंटर मिनिस्टीरियल संघ (आईएमजी) की स्थापना की है जिससे इस बात की जांच की जा सके कि क्या टेलिकॉम कंपनियां बैंकों से लिए गए भारी ऋण को चुका पाएंगी। टेलिकॉम कंपनियां शिकायत करती रही हैं कि जियो के निःशुल्क ऑफर ने सभी कंपनियों को अपने मूल्यों में कमी लाने के लिए मजबूर कर दिया, जिसके फलस्वरूप मुनाफे में काफी कमी आई जिसकी वजह से उन्हें बैंकों से लिए गए ऋण का ब्याज चुकाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस बात को याद रखना आवश्यक है कि बैंकों द्वारा टेलिकॉम कंपनियों को दिए गए ऋण की कुल राशि करीब 3 लाख करोड़ रुपये है !

आईएमजी के साथ हुई इस बैठक में ही जियो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अन्य ऑपरेटरों पर मूल्य निर्धारण का आरोप लगाया। इस अधिकारी ने दावा किया कि मूल्य निर्धारण का आरोप कम्पटीशन कमीशन ऑफ़ इंडिया (सीसीआई) एवं ट्राई के समक्ष साबित किया जा चुका है। इस अधिकारी के अनुसार, मूल्य निर्धारण के फलस्वरूप ऑपरेटर काफी मुनाफ़ा कमा रहे थे, उन्होंने अच्छी गुणवत्ता के डाटा नेटवर्क में कोई निवेश नहीं किया था, एवं अब यही ऑपरेटर शोर मचाकर जियो पर आरोप लगा रहे हैं जबकि सारी गलती उनकी ही है।

जियो ने अन्य ऑपरेटरों को दूसरों पर आरोप लगाने की बजाय अपने नेटवर्क में निवेश करने एवं अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने की सलाह दी है। ऑपरेटरों ने अभी तक इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हम आपको इस मामले से जुड़ी सभी खबरें आगे भी प्रदान करते रहेंगे।  

Report Page