अधरं मधुरं

अधरं मधुरं

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अधरं मधुरं

अधरं मधुरं वदनं मधुरं 

नयनं मधुरं हसितं मधुरम् ।

हृदयं मधुरं गमनं मधुरं

मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥

वचनं मधुरं चरितं मधुरं 

वसनं मधुरं वलितं मधुरम् ।

चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं 

मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥

वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुरः 

पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ ।

नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं 

मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥

गीतं मधुरं पीतं मधुरं 

भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरम् ।

रूपं मधुरं तिलकं मधुरं 

मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥

करणं मधुरं तरणं मधुरं 

हरणं मधुरं रमणं मधुरम् ।

वमितं मधुरं शमितं मधुरं 

मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥

गुञ्जा मधुरा माला मधुरा 

यमुना मधुरा वीची मधुरा ।

सलिलं मधुरं कमलं मधुरं 

मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥

गोपी मधुरा लीला मधुरा 

युक्तं मधुरं मुक्तं मधुरम् ।

दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरं 

मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥

गोपा मधुरा गावो मधुरा 

यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा ।

दलितं मधुरं फलितं मधुरं 

मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥

मधुरापतिके होठ मधुर हैं, उनका मुख मधुर है, नयन मधुर हैं, उनका हृदय मधुर है, गमन मधुर है, अहो ! उनका सब कुछ मधुर है।

उनकी वाणीमधुर है, चरिताबलि मधुर है, उनके वसन मधुर हैं, उनका बोलना मधुर है, उनकी चाल मधुर है, उनका भ्रमण मधुर है, अहो! मधुराधिपतिका सब कुछ मधुर है।

उनकी वेणु मधुर है, उनकी चरण-रेणु मधुर है, उनके हाथ मधुर हैं, उनके चरणद्वय मधुर हैं, उनका नृत्य मधुर है, उनका सख्य मधुर है, अहो ! मधुराधिपतिका सबकुछ मधुर है।

उनका गान मधुर है, पान मधुर है, भोजन मधुर है, शयन मधुर है, रूप मधुर है, तिलक मधुर है, अहो ! मधुराधिपतिका सबकुछ मधुर है।

उनकी करनी मधुर है, तरण (उद्धार करना) मधुर है, हरण मधुर है, उनका रमण और शमन (दण्ड) भी मधुर है, अहो! मधुराधिपतिका सबकुछ मधुर है।।

उनकी गुजा मधुर है, माला मधुर है, उनकी यमुना मधुर है, उनकी तरंगे भी मधुर है। जल और कमल भी मधुर हैं, अहो ! मधुराधिपतिका सबकुछ मधुर है।।

उनकी गोपियाँ मधुर हैं, लीला मधुर है, उनसे युक्त (सम्बन्धित) अलंकारादि सभी वस्तुएँ मधुर है, उनका भोजन मधुर है, उनका आनन्द और आलिंगन मधुर है, अहो! मधुराधिपतिका सबकुछ मधुर है।

आपके गोप मधुर हैं, गायें मधुर हैं, आपकी यष्टि मधुर है, सृष्टि मधुर है, आपका दलन (असुरोंका) और फलन (फलदान) भी मधुर है, अहो ! मधुराधिपतिका सबकुछ मधुर है।

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