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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 28 फरवरी 2019 को राष्ट्रीय खनिज नीति (एमएनपी), 2019 को मंजूरी दी.

नई राष्ट्रीय खनिज नीति अधिक प्रभावी नियमन सुनिश्चित करेगी. यह खनन क्षेत्र के स्थायी विकास में सहायता प्रदान करेगी तथा इससे परियोजना से प्रभावित होनेवाले लोगों विशेषकर जनजातीय क्षेत्र के लोगों की समस्याओं के बेहतर समाधान में मदद मिलेगी.

उद्देश्य

राष्ट्रीय खनिज नीति, 2019 का उद्देश्य प्रभावी, अर्थपूर्ण और कार्यान्वयन-योग्य नीति का निर्माण करना है जो बेहतर पारदर्शिता, नियमन और कार्यान्वयन, संतुलित सामाजिक व आर्थिक विकास के साथ-साथ दीर्घावधि खनन अभ्यासों को समर्थन प्रदान करती है.

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मुख्य बिंदु:

राष्ट्रीय खनिज नीति, 2019 में ऐसे प्रावधान शामिल हैं जो खनन क्षेत्र को प्रोत्साहन प्रदान करेंगे, जैसे:

•  आरपी/पीएल धारकों के लिए पहले अस्वीकार के अधिकार की शुरूआत

•  अन्वेषण कार्य के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन देना

•  राजस्व-साझा के आधार पर समग्र आरपी-सह-पीएल-सह-एमएल के लिए नये क्षेत्रों में नीलामी

•  खनन कंपनियों में विलय और अधिग्रहण को प्रोत्साहन तथा खनन में निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए खनन-पट्टों के हस्तांतरण की अनुमति तथा समर्पित खनिज कॉरीडोर का निर्माण

•  2019 नीति में प्रस्ताव दिया गया है कि खनन गतिविधि को उद्योग का दर्जा दिया जाए. इससे निजी क्षेत्र को खनन-संपत्ति अधिग्रहण के लिए वित्त पोषण प्राप्त होगा.

•  यह भी उल्लेख किया गया है कि खनिज के लिए दीर्घकालिक आयात-निर्यात नीति के निर्माण से निजी क्षेत्र बेहतर नीतियां बनाने में सक्षम होगा और व्यापार में स्थिरता आएगी.

•  नीति में सार्वजनिक उपक्रमों को दिए गए आरक्षित क्षेत्रों को भी युक्तिसंगत बनाने का उल्लेख किया गया है. ऐसे क्षेत्रों जहां खनन गतिविधियों की शुरूआत नहीं हुई है की नीलामी होनी चाहिए. इससे निजी क्षेत्र को भागीदारी के लिए अधिक अवसर प्राप्त होंगे.

•  नीति में निजी क्षेत्र को सहायता प्रदान करने के लिए वैश्विक मानदंडों के आधार पर टैक्स, लेवी और रॉयल्टी को युक्तिसंगत बनाने के प्रयासों का भी उल्लेख किया गया है.

पृष्ठभूमि:

राष्ट्रीय खनिज नीति, 2019 में कुछ बदलाव किये गए हैं जैसे नीति के विजन के रूप में मेक इन इंडिया और लैंगिक समानता पर विशेष ध्यान देना. खनिजों के विनियमन के लिए ई-प्रशासन, आई-टी सक्षम प्रणाली, जागरूकता तथा सूचना अभियान आदि को शामिल किया गया है. स्वीकृति मिलने में विलंब होने की स्थिति में ऑनलाइन पोर्टल में ऐसे प्रावधान शामिल किये गए हैं जिससे उच्च-स्तर पर मामलों को निपटाया जा सकेगा. एमएनपी, 2019 का उद्देश्य निजी निवेश को आकर्षित करना है और इसके लिए प्रोत्साहन देने की व्यवस्था की गई है.

खनन पट्टा-भूमि प्रणाली के तहत खनिज संसाधनों तथा पट्टे पर दी गई भूमि का डेटाबेस तैयार किया जाएगा. नई नीति के तहत खनिजों के परिवहन के लिए तटीय तथा अंतर्देशीय जलमार्ग पर विशेष ध्यान दिया गया है. नीति में खनिजों के परिवहन को सुविधाजनक बनाने के लिए समर्पित खनिज कॉरीडोर का उल्लेख किया गया है.

एमएनपी, 2019 में खनिज क्षेत्र के लिए लंबी अवधि के आयात-निर्यात नीति का प्रस्ताव दिया गया है. इससे खनिज गतिविधि में स्थिरता आएगी और बड़े पैमाने पर होने वाली वाणिज्यिक खनिज गतिविधि में निवेश आकर्षित होगा.

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