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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की चिकित्सकीय प्रयोगशाला द्वारा 'कॉम्बैट कैजुअलिटी ड्रग्स' विकसित की हैं. इन दवाओं से घायल जवानों को अस्पताल में पहुंचाए जाने से पहले तक के बेहद नाजुक समय को बढ़ाया जा सकेगा. डीआरडीओ द्वारा कहा गया है कि इन दवाओं का उद्देश्य पुलावामा हमले अथवा युद्ध जैसी स्थितियों में गंभीर रूप से घायलों को सही उपचार देकर जवानों की जान बचाना और मृतकों की संख्या में कमी लाना है.

इन दवाओं का लाभ यह होगा कि घायल जवानों की जान बचाने के लिहाज जो महत्वपूर्ण समय होता है उसमें उन्हें जरुरी उपचार दिया जा सकता है. आमतौर पर अस्पताल तक पहुंचने से पहले ही गंभीर रूप से घायल सैनिक उपचार न मिलने के कारण दम तोड़ देते हैं.

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क्या है ‘कॉम्बैट कैजुअल्टी ड्रग्स’?

डीआरडीओ के वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई इन दवाओं में रक्तस्राव वाले घाव को भरने वाली दवा, अवशोषक ड्रेसिंग और ग्लिसरेटेड सैलाइन शामिल हैं. ये सभी चीजें जंगल, अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में युद्ध और आतंकवादी हमलों की स्थिति में जीवन बचा सकती हैं.

कॉम्बैट कैजुअल्टी ड्रग्स के लाभ

•   वैज्ञानिकों का मानना है कि इन दवाओं से मृतक संख्या में कमी लाई जा सकती है.


•   डीआरडीओ की प्रयोगशाला इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन ऐंड अलाइड साइंसेस में दवाओं को तैयार करने वाले वैज्ञानिकों के अनुसार घायल होने के बाद और अस्पताल पहुंचाए जाने से पहले यदि घायल को प्रभावी प्राथमिक उपचार दिया जाए तो उसके जीवित बचने की संभावना अधिक होती है.


•   डीआरडीओ की स्वदेशी निर्मित दवाएं अर्द्धसैनिक बलों और रक्षाकर्मियों के लिए युद्ध के समय में वरदान साबित हो सकती हैं.


•   ये दवाएं यह सुनिश्चित करेंगी कि घायल जवानों को युद्धक्षेत्र से बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिए ले जाए जाने के दौरान हमारे वीर जवानों का खून बेकार में न बहे.


•   अधिकतर मामलों में युद्ध के दौरान सैनिकों की देखभाल के लिए केवल एक चिकित्साकर्मी और सीमित उपकरण होते है, ऐसे में यह दवाएं बेहद लाभकारी साबित होंगी.

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